Thursday, 26 October 2017

India's National hockey games .

  India's National hockey games and,    the importance of.

           

          भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी

'भारत का राष्ट्रीय खेल' हॉकी है। हॉकी एक खेल होता है जिसमें दो टीम एक-दूसरे के विरुद्ध खेलती हैं एवं हॉकी स्टिक की मदद से विरोधी के खेमे में गेंद गोल में डालकर गोल करने का प्रयास करती हैं। हॉकी के वर्तमान में अनेक प्रकार हैं, यथा- फील्ड हॉकी, आइस हॉकी, रोलर हॉकी, स्लेज हॉकी और स्ट्रीट हॉकी।
भारत में हॉकी का खेल बहुत पुराना एवं प्रिय है। विश्व के ओलंपिक खेलों में हॉकी में भारत का प्रभावी स्थान रहा है। 1928 से 1956 तक का समय भारतीय हॉकी के लिहाज से स्वर्णिम रहा है। इस दौरान भारत ने 6 स्वर्ण पदक लगातार हॉकी स्पर्धा में प्राप्त किये।
भारतीय हॉकी टीम भारत की राष्ट्रीय मैदानी हॉकी टीम है। 1928 में भारतीय हॉकी टीम अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ की पहली गैर यूरोपीय सदस्य टीम बनी। [1]
भारत-मलेशिया हॉकी मैच, दिल्ली, ५ अक्टूबर २०१०
1928 में, टीम ने अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता और 1956 तक ओलंपिक में भारतीय पुरुष टीम नाबाद रही, लगातार छह स्वर्ण पदक जीते। भारतीय हॉकी टीम ने अबतक आठ ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते है, जो सभी राष्ट्रीय टीमों से अधिक है।
हॉकी का खेल दो टीमों के मध्य खुले मैदान में खेला जाता है । प्रत्येक टीम में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं । प्रत्येक टीम गोल करने का प्रयत्न करती है । हॉकी का मैदान 92 मीटर लम्बा और 52 से 56 मीटर चौड़ा होता है । हॉकी के खेल में गेंद, हाँकी, चुस्त ड्रैस, हल्के मजबूत और सही नाप के केनवास के जूते, झंडियां, गोल के खंभे तथा तख्ते तथा गोल की जालियां आदि चीजें काम आती हैं । हॉकी का खिलाड़ी स्वस्थ तथा मजबूत होना चाहिए ।
उसमें इतनी शक्ति होनी चाहिए कि वह दो-तीन घंटे सक्रियता तथा एकाग्रता से खेल सके और तेजी से दौड़ सके । हॉकी के खिलाड़ी में फुर्तीलापन, तत्काल निर्णय लेने की शक्ति तथा सहिष्णुता होनी चाहिए । हाँकी के खेल में सहयोग तथा सद्‌भावना जरूरी है, अकेला खिलाड़ी कुछ नहीं कर सकता । कुछ खिलाड़ी ड्रिबलिंग से दूसरे दर्शकों को मुग्ध कर देते हैं किन्त, यह अच्छा खेल नहीं है । वर्ष 1908 में हॉकी को ओलम्पिक खेलों में शामिल कर लिया गया ।

Monday, 9 October 2017

The role of yoga and meditation in students life

Importance of Sports, Yog, Meditate


मनुष्य के लिए अच्छे स्वास्थ्य का होना अत्यंत आवश्यक है । एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क होता है । दूसरे शब्दों में, स्वस्थ मस्तिष्क के लिए स्वस्थ शरीर का होना अनिवार्य है । रुग्ण शरीर, रुग्ण मानसिकता को जन्म देता है ।
वैदिक काल से ही हमारे पूर्वजों ने ‘निरोगी काया’ अर्थात् स्वस्थ शरीर को प्रमुख सुख माना है । खेल अथवा व्यायाम स्वस्थ शरीर के लिए अति आवश्यक हैं अर्थात् शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खेल अथवा व्यायाम की उतनी ही आवश्यकता है जितनी कि जीवन को जीने के लिए भोजन व पानी की ।

विद्यार्थी जीवन मानव जीवन की आधारशिला है । इस काल में आत्मसात् की गई समस्त अच्छी-बुरी आदतों का मानव जीवन पर स्थाई प्रभाव पड़ता है । अध्ययन के साथ-साथ व्यायाम मनुष्य के सर्वांगीण विकास में सहायक है । विद्यार्थी जो अपनी पढ़ाई के साथ खेलों को बराबर का महत्व देते हैं वे प्राय: कुशाग्र बुद्धि के होते हैं ।

वे तन और मन दोनों से ही पूर्ण रूप से स्वस्थ होते हैं । खेलों से उनका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है । वे अन्य विद्यार्थियों की तुलना में अधिक चुस्त-दुरस्त होते हैं तथा उनमें धैर्य, सहनशीलता, क्षमा जैसे मानवीय गुणों का विकास अधिक होता है।

हमारे देश में योगासन, दंड-बैठक, दौड़ना, कुश्ती, तैराकी आदि व्यायाम की अनेक पद्धतियाँ प्रचलित हैं । खेलना भी व्यायाम का ही एक रूप है । फुटबाल, हॉकी, बालीबॉल, कबड्डी, खो-खो, क्रिकेट आदि देश के प्रमुख खेल हैं ।
हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है । इस खेल में हम कई वर्षों तक विश्व विजेता रहे हैं परंतु आजकल देश में क्रिकेट, शतरंज व टेनिस जैसे खेलों की लोकप्रियता बढ़ रही है । क्रिकेट में भी हमारी टीम विश्व विजेता रह चुकी है । शतरंज में हमारा नाम शीर्षस्थ देशों में है । टेनिस जगत में विगत कुछ वर्षों में हमने काफी ख्याति अर्जित की है ।
खेलों की प्रकृति के आधार पर हम उन्हें दो भागों- अंतर्क्षेत्रीय एवं बहिर्क्षेत्रीय में विभाजित कर सकते हैं । शतरंज, टेबल-टेनिस, कैरम आदि अंतर्क्षेत्रीय खेल हैं वहीं हॉकी, फुटबाल, क्रिकेट आदि बहिर्क्षेत्रीय खेल कहलाते हैं । व्यक्ति अपनी रुचि एवं सुविधा के अनुसार खेलों का चयन कर सकता है ।
बहिर्क्षेत्रीय खेल स्वास्थ्य की दृष्टि से अधिक उत्तम हैं क्योंकि ये खुले वातावरण में उछल-कूद के साथ खेले जाते हैं । बहिर्क्षेत्रीय एवं अंतर्क्षेत्रीय खेलों का समन्वय भी मनुष्य के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकता है । सभी खेलों के अपने विशिष्ट नियम होते हैं । हमें खेल इन नियमों व विधियों के अनुसार ही खेलना चाहिए । खेल मनुष्य को अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करते ही हैं साथ ही खेल भावना से खेले गए खेल लोगों में पारस्परिक सौहार्द व टीम भावना जागृत करते हैं ।
यदि हम विकासशील देशों की तुलना में विकसित देशों के लोगों को देखें तो उनका स्वास्थ्य अधिक बेहतर है । वे शारीरिक व मानसिक दोनों ही रूपों में तुलनात्मक दृष्टि से अधिक स्वस्थ हैं । इन सभी देशों ने प्रारंभ में ही शिक्षा के साथ खेलों को अधिक महत्व दिया जिससे उनके नागरिकों का सर्वांगीण विकास संभव हुआ।
अब हमारे देश में भी खेलों के महत्व को समझा जाने लगा है । विगत वर्षों की तुलना में खेलों को बढ़ावा देने हेतु सरकार की ओर से अधिक प्रोत्साहन दिया जाने लगा है, साथ ही हमारे खेल बजट में भी वृद्धि हुई है । इसके सकारात्मक परिणाम भी आने लगे हैं । विश्व खेल जगत में विगत वर्षों में हमने अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ भी अर्जित की हैं ।
अत: मनुष्य के सर्वांगीण विकास के लिए यह अनिवार्य है कि हम खेल और शिक्षा दोनों को ही बराबर का महत्व दें । देश के स्वस्थ एवं सुदृढ़ भविष्य के लिए प्रारंभ से ही युवकों को खेल के महत्व को समझाना चाहिए तथा सरकार की ओर से इसके प्रोत्साहन के लिए अधिक आर्थिक बजट व सुविधाएँ उपलब्ध कराई जानी चाहिए जिससे नई प्रतिभाओं को अवसर एवं उचित सुविधाएँ प्राप्त हो सकें । इसके अतिरिक्त यह भी आवश्यक है कि देश का हर नागरिक व्यायाम व खेल के महत्व को समझे तथा उसे अपनाए जिससे उसका सर्वांगीण विकास संभव हो सके ।
Importance of sports in students' lives, The role of yoga and meditation in their lives
Thank you, Norman Sports Store Sultanpur.

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